
आप सभी को जानकर यह हर्ष होगा कि अब आप यमुना अथॉरिटी में वन्यजीवों का दीदार कर सकेंगे क्योंकि यमुना अथॉरिटी अब वन्यजीवों के लिए रिहैबिलिटेशन सेंटर बनाने जा रही है जो कि आपके रेजिडेंशियल्स सेक्टर्स के निकट ही होंगे

यमुना अथॉरिटी द्वारा यहां पर विकास कार्य किए जा रहे हैं जिसके कारण यहां पर रहने वाले वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास उजड़ गया तथा वे इधर-उधर भटकते रहते हैं कई बार तो एयरपोर्ट रनवे पर भी इन वन्यजीवों को देखा गया है जिसके कारण निर्माण कार्य को कभी-कभी रोकना भी पड़ जाता है
आपको बताते चलें कि जेवर मैं नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है इसके लिए 6 गांव की लगभग 1334 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई थी जमीन अधिग्रहण से पहले प्रभावित क्षेत्र में वन्यजीवों की उपस्थिति एवं उनके पुनर्वास के लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान से रिपोर्ट तैयार कराई गई थी संस्थान की रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रभावित क्षेत्र में काले हिरण नीलगाय का प्रवास स्थान है

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के कारण इन वन्यजीवों का आवास नष्ट हो गया है इनके पुनर्वास एवं संरक्षण के लिए कार्य योजना तैयार की गई थी इसमें अब बदलाव करते हुए रिहैबिलिटेशन के अलावा एनिमल रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जाएगा एयर कार्गो के जरिए आने वाले जीवो को भी इस केंद्र में रखा जा सकेगा
आपको बताते चलें कि 5.40 करोड़ में से 4.5 करोड रुपए एनिमल रेस्क्यू सेंटर एवं रिहैबिलिटेशन सेंटर के निर्माण पर खर्च होंगे। इसके अलावा ₹9000000 धनोरी वेटलैंड पर खर्च किए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉक्टर अरुण वीर सिंह ने बताया कि एनिमल रेस्क्यू सेंटर के निर्माण पर आने वाली लागत काव्य नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड अथॉरिटी वहन करेगी
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